पेरिस में चल रहे पैरालंपिक में भारत का अभियान समाप्त हो गया है,भारतीय दल ने कुल 29 पदक जीतकर टोक्यो में जीते हुए पदकों का रिकॉर्ड तोड
दिया है।
3 साल पहले भारत ने 19 पदक जीते थे। इस साल भारत ने पैरा खेलों में सबसे ज्यादा पदक जीतने का इतिहास बनाया है,भारत ने इस साल कुल 29 पदक जीते हैं,जिसमें सात स्वर्ण पदक नौ रजत पदक और तेरह कांस्य पदक शामिल हैं।
25 पार का टारगेट हुआ पार।
भारत इस बार पैरालंपिक में 25 मेडल जीतने का टारगेट लेकर उतरा था,पर भारत में 25 का टारगेट पार करते हुए 29 मेडल जीते हैं , यह पैरालंपिक भारत के लिए सर्वश्रेष्ठ और इतिहास का सबसे बेहतरीन पैरालंपिक साबित हुआ। कुल 84 पैरा एथलीट्स के प्रतिनिधित्व में भारत ने इस पैरालंपिक में अवनि लेखरा के मेडल से शुरुआत की और नवदीप सिंह के स्वर्ण पदक के साथ इस पैरालंपिक का समापन किया।
भारत ने तोडा टोक्यो 2020 पैरालंपिक का पुराना रिकॉर्ड।
पेरिस पैरालंपिक भारत के लिए इतिहास का सबसे सफल पैरालंपिक होगा. इससे पहले सबसे सफल पैरालंपिक भारत के लिए टोक्यो पैरालंपिक 2020 था,जिसमें भारत 54 एथलीट्स के साथ उतरा था, और 19 पदक जीते थे, जिसमें पांच स्वर्ण पदक आठ रजत पदक और 6 कश्य पदक पदक शामिल थे।इस साल पेरिस पैरालंपिक में भारत ने जैसे ही बिसवां पदक जीता तभी भारत ने अपना टोक्यो पैरालंपिक का रिकॉर्ड तोड़ दिया, टोक्यो 2020 में भारत की रैंकिंग 24 रही थी,जो कि अब तक की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग थी ,पर इस साल जैसे ही भारत ने पेरिस पैरालंपिक में 29 पदक जीते भारत ने अपना टोक्यो पैरालंपिक का रिकॉर्ड तोड़ दिया और इसी के साथ भारत ने इस साल अपना सर्वश्रेष्ठ रैंक 19 हासिल किया ,यह अब तक की भारत द्वारा सर्वश्रेष्ठ हासिल रैंकिंग है।
पैरालंपिक 2024 में जिन खिलाड़ियों ने पदक जीते हैं।
- अवनि लेखरा: स्वर्ण पदक: निशानेबाजी
- मोना अग्रवाल: कांस्य पदक: निशानेबाजी
- प्रीति पाल: कांस्य पदक: एथलेटिक्स
- मनीष नरवाल: रजत पदक: निशानेबाजी
- रुबीना फ्रांसिस: कांस्य पदक: निशानेबाजी
- प्रीति पाल: कांस्य पदक: एथलेटिक्स
- निषाद कुमार: रजत पदक: एथलेटिक्स
- योगेश कथुनिया: रजत पदक: एथलेटिक्स
- नितेश कुमार: स्वर्ण पदक: बैडमिंटन
- मनीषा रामदास: कांस्य पदक: बैडमिंटन
- तुलसीमति मुरुगेसन: रजत पदक: बैडमिंटन
- सुहास एलवाई: रजत पदक: बैडमिंटन
- राकेश कुमार/शीतल देवी: कांस्य पदक: तीरंदाजी
- सुमित अंतिल: स्वर्ण पदक: एथलेटिक्स
- नित्या श्री सिवान: कांस्य पदक: बैडमिंटन
- दीप्ति जीवनजी: कांस्य पदक: एथलेटिक्स
- अजीत सिंह: रजत पदक: एथलेटिक्स
- सुंदर सिंह गुर्जर: कांस्य पदक:एथलेटिक्स
- शरद कुमार: रजत पदक: एथलेटिक्स
- मरियप्पन थंगावेलु: कांस्य पदक: एथलेटिक्स
- सचिन सरजेराव खिलाड़ी: रजत पदक: एथलेटिक्स
- धरमबीर: स्वर्ण पदक: एथलेटिक्स
- प्रणव सूरमा: रजत पदक: एथलेटिक्स
- हरविंदर सिंह: स्वर्ण पदक: तीरंदाजी
- कपिल परमार: कांस्य पदक: जूडो
- प्रवीण कुमार: स्वर्ण पदक: एथलेटिक्स
- होकाता सेमा: कांस्य पदक: एथलेटिक्स
- सिमरन शर्मा: कांस्य पदक: एथलेटिक्स
- नवदीप सिंह: स्वर्ण पदक: एथलेटिक्स
पैरालंपिक खेलों में भारत का इतिहास।
पैरालंपिक खेलों की शुरुआत हुई थी 1960 रोम में, 1964 टोक्यो में हुआ था पैरालंपिक का आयोजन, इन दोनों वर्षों में भारत ने हिस्सा नहीं लिया था। 1968के टेल-अवीव पैरालंपिक के खेलों में भारत ने पहली बार भागीदारी की थी,उस साल भारत ने कोई भी पदक नहीं जीता था । इसके बाद भारत ने 1972 के हेडलबर्ग पैरालंपिक में भाग लिया और वहां पर एक स्वर्ण पदक जीता तब से लेकर अब तक भारत हर पैरालंपिक में धीरे-धीरे अपनी मजबूत दावेदारी पेश करते आ रहा है , और हाल के वर्षों में भारत ने काफी सराहनीय प्रदर्शन किया है । 1976 टोरंटो और 1980 अर्णहेम पैरालंपिक के खेलों में भारत ने अपनी भागीदारी पेश नहीं की थी, भारत 1984 पैरालंपिक में 37 वां स्थान हासिल करते हुए चार पदक जीते थे, उसके बाद 1988 सियोल ,1992 बार्सिलोना ,1996 अटलांटा, 2000 सिडनी पैरालंपिक और 2008 बीजिंग पैरालंपिक में भारत कोई पदक नहीं जीत सका था,उसके बाद भारत ने 2004 एथेंस पैरालंपिक में दो पदक 2012 लंदन पैरालंपिक में एक और 2016 रियो पैरालंपिक में चार पदक जीते 2004 में भारत 53वें स्थान पर 2012 में 67वें स्थान पर और 2016 में 43वें स्थान पर रहा था, इसके बाद 2020 के टोक्यो पैरालंपिक में भारत ने सीधे 19 पदक जीते और 24 रैंकिंग हासिल कि और इस साल पेरिस पैरालंपिक 2024 मैं कुल 29 पदक के साथ भारत ने अब तक के सबसे सफल पैरालंपिक को 19वें रैंक के साथ समाप्त किया ।