बेंगलुरु, सितंबर 2024: इलेक्ट्रिक और हाईब्रिड वाहनों पर रोड टैक्स में मिलेगी बड़ी छूट
Electric Vehicles:कर्नाटक सरकार ने राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) और हाईब्रिड कारों को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ी योजना की घोषणा की है। इस नई योजना के तहत, इन वाहनों पर लगने वाले रोड टैक्स को कम किया जाएगा, जिससे इनकी खरीद और अधिक सस्ती हो जाएगी। इस कदम का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण प्रदूषण को कम करना और स्वच्छ ऊर्जा वाहनों को अधिक लोकप्रिय बनाना है। इसके साथ ही, इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं को भी विशेष प्रोत्साहन देने की योजना है ताकि राज्य में क्लीन मोबिलिटी (clean mobility) को तेजी से बढ़ावा मिल सके।
रोड टैक्स में छूट का प्रस्ताव:
कर्नाटक सरकार की इस नई नीति के तहत, ₹25 लाख से कम कीमत वाली मजबूत हाईब्रिड कारों (strong hybrid cars) पर रोड टैक्स को मौजूदा 18% से घटाकर 13% किया जाएगा। हालांकि, यह छूट केवल मजबूत हाईब्रिड कारों पर लागू होगी और हल्के हाईब्रिड मॉडलों (mild hybrid cars) पर नहीं। यह कदम उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस साल की शुरुआत में लागू की गई नीति से मेल खाता है, जहां हाईब्रिड वाहनों (hybrid vehicles) पर टैक्स में छूट दी गई थी ताकि लोग अधिक से अधिक पर्यावरण के अनुकूल वाहन (eco-friendly vehicles) अपनाने के लिए प्रेरित हो सकें।
यह छूट नीति कर्नाटक में इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों की बिक्री को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे राज्य के लोग ईवी (EV) और हाइब्रिड कारों को ज्यादा से ज्यादा अपनाने के लिए प्रोत्साहित होंगे, जिससे न केवल प्रदूषण कम होगा बल्कि लंबे समय में कार्बन फुटप्रिंट (carbon footprint) में भी कमी आएगी।
इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं के लिए प्रोत्साहन:
इस नीति के अंतर्गत केवल उपभोक्ताओं को ही नहीं, बल्कि इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों (EV manufacturers) को भी लाभ मिलने की योजना है। जो कंपनियां राज्य में नए कारखाने स्थापित करेंगी या मौजूदा कारखानों का विस्तार करेंगी, उन्हें 15% से 25% तक प्रोत्साहन दिया जाएगा। यह प्रोत्साहन उनके द्वारा किए गए निवेश, जमीन, मशीनरी, और उत्पादन में वृद्धि पर आधारित होगा।
इसके अतिरिक्त, यह प्रोत्साहन बैटरी कंपोनेंट्स (battery components) और ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर (EV charging infrastructure) बनाने वाली कंपनियों पर भी लागू होगा। साथ ही, जो कंपनियां राज्य में रोजगार के अवसर (employment opportunities) पैदा करेंगी, उन्हें उनके निवेश के आधार पर 25% तक का अतिरिक्त लाभ दिया जाएगा। यह न केवल राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण को बढ़ावा देगा बल्कि राज्य को एक ईवी हब (EV hub) के रूप में स्थापित करेगा।
स्वच्छ और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की दिशा में कदम:
कर्नाटक सरकार का यह निर्णय राज्य में स्वच्छ ऊर्जा वाहनों (clean energy vehicles) के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इस नीति के तहत, न केवल इलेक्ट्रिक वाहनों बल्कि हाइब्रिड और हाइड्रोजन फ्यूल (hydrogen fuel) से चलने वाले वाहनों को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
इस नीति का उद्देश्य है कि पर्यावरण के अनुकूल वाहनों (eco-friendly vehicles) का अधिक उपयोग हो और राज्य में ग्रीन मोबिलिटी (green mobility) को बढ़ावा दिया जा सके। इससे प्रदूषण में कमी आएगी और लोग धीरे-धीरे पारंपरिक ईंधन से चलने वाले वाहनों से हटकर साफ ऊर्जा विकल्पों (clean energy alternatives) की ओर रुख करेंगे।
नीति लागू करने की समयसीमा:
हालांकि इस नीति को अंतिम रूप देने के लिए अभी कोई निश्चित समयसीमा तय नहीं की गई है, लेकिन जल्द ही इसे लागू करने पर विचार किया जा रहा है। इस नीति के लागू होने के बाद, कर्नाटक में इलेक्ट्रिक वाहनों और हाईब्रिड कारों की बिक्री में तेजी आने की संभावना है। सरकार का यह कदम न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से लाभकारी है, बल्कि यह राज्य को ग्रीन ट्रांसपोर्टेशन (green transportation) के क्षेत्र में अग्रणी बनाने में भी सहायक होगा।
परिणाम और प्रभाव:
इस प्रस्तावित योजना का प्रभाव न केवल राज्य के उपभोक्ताओं पर बल्कि पूरे इलेक्ट्रिक वाहन बाजार (electric vehicle market) पर भी पड़ेगा। रोड टैक्स में कटौती और इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं के लिए प्रोत्साहन से न केवल वाहनों की लागत में कमी आएगी, बल्कि इससे राज्य में ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर (EV infrastructure) का विकास भी तेजी से होगा। बैटरी कंपोनेंट्स और चार्जिंग नेटवर्क के लिए दी जाने वाली सब्सिडी से भी उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
कर्नाटक सरकार का यह निर्णय राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन क्रांति (electric vehicle revolution) को गति देने वाला कदम है। इससे न केवल राज्य में स्वच्छ ऊर्जा के वाहनों की ओर झुकाव बढ़ेगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेंगे। क्लीन मोबिलिटी को बढ़ावा देने के इस कदम से न केवल प्रदूषण कम होगा, बल्कि राज्य की आर्थिक और सामाजिक प्रगति (economic and social progress) में भी योगदान मिलेगा।