लखनऊ डेंगू के मामले 2024: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले 24 घंटों में डेंगू के 31 नए मामले सामने आए हैं, जिससे इस साल जनवरी से अब तक कुल मामलों की संख्या 460 हो गई है। इस सीजन में डेंगू से पहली मौत की भी पुष्टि हो चुकी है, जिससे लोगों के बीच चिंता और बढ़ गई है।
डेंगू से पहली मौत और संक्रमण की स्थिति
पिछले हफ्ते, लखनऊ में डेंगू से पहली मौत दर्ज की गई थी, जिसमें 18 वर्षीय श्रेयांश श्रीवास्तव की मौत हुई। अधिकारियों के अनुसार, श्रेयांश का इलाज अस्पताल में चल रहा था, लेकिन उसकी स्थिति गंभीर हो गई, और उसे बचाया नहीं जा सका। इस मौत के बाद लखनऊ में डेंगू को लेकर सतर्कता और बढ़ गई है।
शनिवार को लखनऊ में डेंगू के 39 नए मामले भी दर्ज किए गए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, अधिकांश मामले अगस्त और सितंबर के महीनों में सामने आए हैं। शहर के विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि गोसाईगंज, आलमबाग, इंदिरानगर, गोमतीनगर एक्सटेंशन, माल, और चिनहट में डेंगू के मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।
डेंगू क्या है और इसका संक्रमण कैसे होता है?
डेंगू एक वायरल संक्रमण है जो एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। यह संक्रमण मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में होता है। डेंगू का प्रकोप विशेष रूप से मानसून के मौसम में अधिक देखने को मिलता है, जब मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ बनती हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया की लगभग आधी आबादी अब डेंगू के खतरे में है, और हर साल अनुमानित 100 से 400 मिलियन संक्रमण होते हैं। हालांकि अधिकांश मामलों में लक्षण हल्के होते हैं, लेकिन कुछ गंभीर मामलों में यह जानलेवा भी हो सकता है।
डेंगू के लक्षण और सावधानियाँ
डेंगू के लक्षण आमतौर पर संक्रमण के 4-10 दिनों बाद प्रकट होते हैं। इनमें शामिल हैं:
- तेज बुखार (40°C/104°F)
- गंभीर सिरदर्द
- आंखों के पीछे दर्द
- मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
- मतली और उल्टी
- ग्रंथियों में सूजन
- त्वचा पर चकत्ते
हालांकि, डेंगू का गंभीर रूप तब होता है जब बुखार के उतरने के बाद भी पेट में दर्द, लगातार उल्टी, सांस लेने में तकलीफ, और नाक या मसूड़ों से खून बहने जैसे लक्षण दिखने लगते हैं। ऐसे मामलों में तुरंत चिकित्सकीय सहायता लेना जरूरी होता है।
डेंगू का उपचार और देखभाल
डेंगू के लिए कोई विशिष्ट उपचार उपलब्ध नहीं है। डॉक्टर आमतौर पर दर्द और बुखार को नियंत्रित करने के लिए पैरासिटामोल जैसी दवाओं का उपयोग करने की सलाह देते हैं। हालांकि, इबुप्रोफेन और एस्पिरिन जैसी दवाओं से बचने की सलाह दी जाती है, क्योंकि ये रक्तस्राव का खतरा बढ़ा सकती हैं।
गंभीर डेंगू के मामलों में, मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता हो सकती है। गंभीर मामलों में रक्तचाप कम हो जाता है, जिससे मरीज की स्थिति बिगड़ सकती है।
लखनऊ में डेंगू से बचाव के उपाय
लखनऊ में डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है। डेंगू मच्छर दिन के समय काटते हैं, इसलिए दिन के दौरान भी मच्छरों से बचाव जरूरी है। डब्ल्यूएचओ द्वारा सुझाए गए बचाव के उपायों में शामिल हैं:
- शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनना।
- मच्छरदानी का उपयोग करना, विशेष रूप से सोते समय।
- मच्छर भगाने वाली क्रीम या स्प्रे (जिनमें डीईईटी, पिकारिडिन या आईआर 3535 होता है) का उपयोग करना।
- घर और आस-पास के क्षेत्रों में मच्छरों के प्रजनन स्थलों को खत्म करना, जैसे कि रुके हुए पानी को साफ करना।
- ठोस कचरे का उचित निपटान करना और पानी रोकने वाले कंटेनरों को ढक कर रखना।
- हर हफ्ते पानी के भंडारण कंटेनरों को खाली करना और साफ करना।
सरकारी प्रयास और लोगों की भूमिका
स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में फॉगिंग अभियान चलाया जा रहा है, साथ ही लोगों को मच्छरों के प्रजनन स्थलों को हटाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। लेकिन इन प्रयासों के साथ-साथ लोगों की भी यह जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने घरों और आस-पास के क्षेत्रों में साफ-सफाई बनाए रखें और मच्छरों को पनपने से रोकें।
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सतर्क रहें, सुरक्षित रहें
लखनऊ में डेंगू के बढ़ते मामलों के बीच, सतर्कता और सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। मच्छरों से बचाव के उपाय अपनाकर और समय रहते डेंगू के लक्षण पहचानकर ही इस बीमारी से बचा जा सकता है। सरकारी एजेंसियों और स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करना, साफ-सफाई रखना, और मच्छरों से खुद को बचाना ही डेंगू से सुरक्षित रहने का सबसे कारगर तरीका है।