भारत में सबसे ज्यादा कंडोम इस्तेमाल करने वाले राज्य: दादरा नागर हवेली टॉप पर
हाल ही में एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि भारत में किन राज्यों में कंडोम का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य विभाग (2021-22) के अनुसार, भारत में दादरा नगर हवेली सबसे अधिक कंडोम इस्तेमाल करने वाला राज्य है, जहां 10,000 में से 993 जोड़े कंडोम का उपयोग करते हैं। इसके बाद आंध्र प्रदेश (978) और पुडुचेरी (960) का स्थान आता है।
रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु:
- दादरा नगर हवेली: दादरा नगर हवेली में कंडोम के उपयोग का प्रतिशत भारत के अन्य राज्यों में सबसे अधिक है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (2021-22) के अनुसार, यहां 10,000 जोड़ों में से 993 जोड़े यौन संबंध बनाते समय कंडोम का इस्तेमाल करते हैं। यह आंकड़ा दर्शाता है कि इस क्षेत्र में यौन स्वास्थ्य और सुरक्षित संबंधों के प्रति जागरूकता बढ़ी है। दादरा नगर हवेली के लोगों द्वारा कंडोम के नियमित उपयोग का मुख्य कारण स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और स्वास्थ्य शिक्षा का प्रसार हो सकता है।
- आंध्र प्रदेश: आंध्र प्रदेश में कंडोम के उपयोग का प्रतिशत भारत के अन्य राज्यों की तुलना में काफी अधिक है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (2021-22) के अनुसार, आंध्र प्रदेश 10,000 जोड़ों में से 978 जोड़े कंडोम का नियमित रूप से उपयोग करते हैं। यह राज्य कंडोम उपयोग में दूसरे स्थान पर आता है। यह आंकड़ा यह दर्शाता है कि राज्य में यौन स्वास्थ्य और कंडोम के महत्व के प्रति जागरूकता काफी बढ़ी हुई है। बेहतर स्वास्थ्य शिक्षा और जागरूकता अभियानों की वजह से यहां कंडोम का इस्तेमाल ज्यादा देखा गया है।
- कर्नाटक का उपयोग कम कर्नाटक में कंडोम का उपयोग अन्य राज्यों की तुलना में काफी कम है। सर्वेक्षण के अनुसार, 10,000 जोड़ों में से केवल 307 जोड़े ही कंडोम का इस्तेमाल करते हैं। यह आंकड़ा इसे भारत के उन राज्यों में शामिल करता है, जहां कंडोम के इस्तेमाल का प्रतिशत काफी कम है। इसका कारण यौन स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की कमी और कंडोम के इस्तेमाल के बारे में सही जानकारी का अभाव हो सकता है। इसके साथ ही, सामाजिक धारणाएं भी इस कमी का एक प्रमुख कारण हो सकती हैं।
- उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा खपत: उत्तर प्रदेश में कंडोम की खपत भारत में सबसे अधिक है। हर साल यहां औसतन 3 करोड़ कंडोम का उपयोग होता है। इस खपत का प्रमुख कारण राज्य की विशाल जनसंख्या और सरकारी अस्पतालों एवं हेल्थ सेंटरों में मुफ्त कंडोम वितरण की सुविधा है। उत्तर प्रदेश की जनसंख्या 2024 के अंत तक 22 करोड़ से अधिक हो जाने का अनुमान है। इसके बावजूद, सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि कंडोम के उपयोग में धीरे-धीरे कमी आ रही है, जो यौन स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की कमी की ओर इशारा करता है।
- कंडोम की जानकारी में कमी: कंडोम की जानकारी में कमी एक गंभीर समस्या है, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां यौन स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता कम है। रिपोर्टों के अनुसार, भारत में 6% लोग ऐसे हैं जिन्हें कंडोम के उपयोग के बारे में जानकारी नहीं है। कंडोम यौन संचारित रोगों (STDs) और अनचाहे गर्भधारण से बचाने में प्रभावी होते हैं, फिर भी कई लोग इसके महत्व को नहीं समझते। इस समस्या का मुख्य कारण शिक्षा की कमी, सामाजिक वर्जनाएँ, और स्वास्थ्य सेवाओं की सीमित पहुंच है। जागरूकता बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाने की जरूरत है।
कंडोम के उपयोग में कमी:
इस रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है कि भारत में कंडोम के उपयोग में कमी चिंता का विषय है, क्योंकि यह न केवल अनचाहे गर्भधारण को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यौन संचारित रोगों (STDs) से बचाव का एक प्रभावी तरीका भी है। हालांकि कुछ राज्यों में कंडोम के उपयोग के प्रति जागरूकता बढ़ी है, फिर भी कई क्षेत्रों में इसका इस्तेमाल कम हो रहा है। इसके पीछे प्रमुख कारण हैं—जागरूकता की कमी, यौन शिक्षा की अनुपलब्धता, और पारंपरिक सोच। इन समस्याओं का समाधान करने के लिए, स्वास्थ्य अभियानों और शैक्षिक प्रयासों को और अधिक सशक्त बनाने की आवश्यकता है।
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जरूरत है जागरूकता की:
भारत में यौन स्वास्थ्य और सुरक्षित यौन संबंधों के प्रति जागरूकता बढ़ाने की सख्त जरूरत है। कंडोम के उपयोग को लेकर कई क्षेत्रों में जागरूकता की कमी देखने को मिलती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और राष्ट्रीय स्वास्थ्य सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, कई राज्यों में कंडोम का उपयोग कम है और लोग इसे लेकर अनजान हैं। लोगों में इस मुद्दे पर जागरूकता फैलाना न केवल अनचाहे गर्भधारण को रोकने के लिए आवश्यक है, बल्कि यौन संचारित रोगों (STDs) से सुरक्षा के लिए भी यह अनिवार्य है।
यौन स्वास्थ्य की सही जानकारी और शिक्षा की कमी, कंडोम के इस्तेमाल में कमी का मुख्य कारण बनती है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं और जागरूकता अभियानों के माध्यम से सुरक्षित यौन संबंधों के बारे में जानकारी देना बेहद जरूरी है। इसके अलावा, स्वास्थ्य संगठनों और सरकार को इस दिशा में अधिक प्रयास करने की जरूरत है ताकि लोग कंडोम के सही इस्तेमाल को समझें और इसे एक स्वस्थ जीवनशैली का हिस्सा बनाएं।
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