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समोसे और तले हुए खाने से मधुमेह का खतरा! ICMR रिपोर्ट से चौंकाने वाले खुलासे

Processed Food Impact

ICMR रिपोर्ट: भारत में मधुमेह महामारी में तले और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का बढ़ता योगदान

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा किए गए एक शोध ने मधुमेह की महामारी के पीछे तले हुए और अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर किया है। यह अध्ययन मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन और ICMR सेंटर फॉर एडवांस्ड रिसर्च इन डायबिटीज के सहयोग से किया गया। अध्ययन ने यह साबित किया कि उन्नत ग्लाइकेशन एंड-प्रोडक्ट्स (AGEs) युक्त भोजन, जो ग्लाइकेशन प्रक्रिया के दौरान बनते हैं, मधुमेह के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

AGEs क्या हैं और उनका प्रभाव क्या है?समोसे और तले हुए खाने से मधुमेह का खतरा!

एडवांस्ड ग्लाइकेशन एंड-प्रोडक्ट्स (AGEs) हानिकारक यौगिक होते हैं, जो तब बनते हैं जब प्रोटीन और वसा शर्करा के साथ मिलकर प्रतिक्रिया करते हैं। यह प्रतिक्रिया उन खाद्य पदार्थों में अधिक होती है जो अत्यधिक गर्मी पर तले या भुने जाते हैं। AGEs के उच्च स्तर से शरीर में सूजन, ऑक्सीडेटिव तनाव और इंसुलिन प्रतिरोध की संभावना बढ़ जाती है। यह मधुमेह के साथ-साथ अन्य गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।

तले हुए खाद्य पदार्थ जैसे समोसा, पराठा, फ्रेंच फ्राइज़, बेकरी आइटम, और प्रोसेस्ड मीट जैसे रेड मीट में AGEs की मात्रा काफी अधिक होती है।

शोध का परिणाम: कम-AGE आहार की भूमिकासमोसे और तले हुए खाने से मधुमेह का खतरा!

अध्ययन में मोटापे से ग्रस्त 38 वयस्कों को दो समूहों में बांटा गया। एक समूह को कम-AGE आहार दिया गया, जिसमें तले हुए या प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों को शामिल नहीं किया गया था, जबकि दूसरे समूह को उच्च-AGE आहार दिया गया। 12 सप्ताह के इस अध्ययन में पाया गया कि कम-AGE आहार लेने वाले प्रतिभागियों में इंसुलिन संवेदनशीलता और रक्त शर्करा के स्तर में सुधार हुआ, जबकि उच्च-AGE आहार लेने वाले प्रतिभागियों में सूजन और मधुमेह का खतरा बढ़ गया।

शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया कि उबले हुए खाद्य पदार्थ, हरी पत्तेदार सब्जियां, मछली और फल कम-AGE आहार में प्रमुख भूमिका निभाते हैं और मधुमेह के खतरे को कम करने में सहायक हो सकते हैं।

खतरनाक खाद्य पदार्थ और सुरक्षित खाना पकाने की विधियां

यह भी पाया गया कि खाना पकाने की विधियों का सीधा असर AGEs के निर्माण पर पड़ता है। तलने, भूनने और ग्रिलिंग जैसी विधियाँ AGEs की मात्रा बढ़ाती हैं, जबकि उबालने से यह नियंत्रित रहता है।

कम-AGE आहार को बढ़ावा देने के लिए उबली हुई सब्जियां, दालें, फल, और मछली जैसी खाद्य सामग्री महत्वपूर्ण हो सकती हैं। वहीं, तले-भुने, प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का सेवन करने से मधुमेह के बढ़ने का खतरा अधिक होता है।

भारत में मधुमेह की गंभीरता

भारत में मधुमेह एक बड़ा स्वास्थ्य संकट बन चुका है। वर्तमान में, देश में 101 मिलियन से अधिक लोग मधुमेह से पीड़ित हैं। यह महामारी शहरी क्षेत्रों में अधिक तेजी से फैल रही है, जहां अस्वास्थ्यकर खानपान और जीवनशैली के कारण लोगों में मधुमेह की संभावना बढ़ी है।

मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. वी. मोहन के अनुसार, “भारत में मधुमेह के मामलों में वृद्धि का कारण मोटापा, शारीरिक निष्क्रियता और अस्वास्थ्यकर खानपान है, जो AGEs से भरपूर होते हैं।”

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आहार में बदलाव और जागरूकता

ICMR के इस अध्ययन ने स्पष्ट किया कि तले हुए और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों से बचने और एक स्वस्थ, कम-AGE आहार अपनाने की आवश्यकता है। भारत में मधुमेह की महामारी को नियंत्रित करने के लिए, लोगों को जागरूक करना और आहार में बदलाव लाने पर जोर देना होगा।

इस शोध से यह भी पता चलता है कि नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, और कम-AGE वाले खाद्य पदार्थों का सेवन मधुमेह के खतरे को कम कर सकता है।

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