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मोदी नहीं नितिन गडकरी होते भारत के प्रधानमंत्री,अगर ये बात मान लेते गडकरी

nitin gadkari

प्रधानमंत्री बनना मेरा लक्ष्य नहीं: नितिन गडकरी

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में एक कार्यक्रम में खुलासा किया कि उन्हें प्रधानमंत्री बनने का समर्थन मिला था, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया। यह बात 14 सितंबर 2024 को नागपुर में हुई, जहां श्री गडकरी ने अपने विचार साझा किए।

मोदी नहीं नितिन गडकरी होते भारत के प्रधानमंत्री,अगर ये बात मान लेते गडकरी

प्रधानमंत्री बनने के लिए समर्थन की पेशकश

नितिन गडकरी ने बताया कि एक समय पर विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता ने उन्हें प्रधानमंत्री बनने के लिए समर्थन देने की पेशकश की थी। उन्होंने कहा, “मुझे यह प्रस्ताव मिला था, लेकिन मैंने पूछा कि वे मेरा समर्थन क्यों करेंगे और मैं उनका समर्थन क्यों लूं।”

प्रधानमंत्री बनना नहीं था लक्ष्य

गडकरी ने यह साफ किया कि प्रधानमंत्री बनना उनके जीवन का लक्ष्य कभी नहीं था। उन्होंने कहा, “मैं पद के लिए समझौता नहीं करूंगा, क्योंकि मेरे लिए मेरा विश्वास सबसे महत्वपूर्ण है।”

नैतिकता और लोकतंत्र की ताकत

गडकरी ने इस बात पर जोर दिया कि लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत नैतिकता में है। उन्होंने कहा, “लोकतंत्र तभी सफल होगा जब चारों स्तंभ—न्यायपालिका, कार्यपालिका, विधायिका और मीडिया—नैतिकता का पालन करेंगे।”

 

ईमानदारी का सम्मान जरूरी

श्री गडकरी ने अपने भाषण में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के एक वरिष्ठ नेता के साथ हुई बातचीत का भी जिक्र किया। उन्होंने दिवंगत ए.बी. बर्धन की ईमानदारी की प्रशंसा की, जो नागपुर और विदर्भ के बड़े राजनेताओं में से एक थे। गडकरी ने कहा, “चाहे व्यक्ति विपक्ष में हो या न हो, हमें उस व्यक्ति का सम्मान करना चाहिए जो ईमानदारी से विरोध करता है।”

2019 और 2024 में प्रधानमंत्री पद की अटकलें

यह ध्यान देने वाली बात है कि 2019 और 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान नितिन गडकरी का नाम संभावित प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में सामने आया था। लेकिन उन्होंने हमेशा यह स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री बनना उनका उद्देश्य नहीं है।

केंद्रीय मंत्री के रूप में दूसरी पारी

2014 में, नितिन गडकरी को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री बनाया गया था। 2019 में, उन्होंने इसी मंत्रालय को बरकरार रखा और इसके साथ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय का कार्यभार भी संभाला।

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